Nojoto: Largest Storytelling Platform

माँ वसुंधरा तुझमे सब भरा जड़ी बूटी, झाड़ी, वृक्ष, फल

माँ वसुंधरा
तुझमे सब भरा
जड़ी बूटी, झाड़ी, वृक्ष, फल फूल
तू ही सारे चर, अचर का जीवन मूल
रंग बिरंगे पुष्प तुझसे, तुझ से सब हरा
माँ वसुंधरा
तुझमे सब भरा

जड़ी बूटी, वृक्ष,झाड़ी मे किया कोई भेद नहीं
अनथक रचती रही, धरा मे फिर भी स्वेद नहीं
समाह लिया खुद मे, जो भी जिया मरा
माँ वसुंधरा
तुझमे सब भरा

स्वार्थी इंसान, नष्ट करता रहा पर्यावरण
मुश्किल हुआ जिससे जीवों का जन्म मरण
हम महसूस करेंगे, कब यह खतरा
माँ वसुंधरा
तुझमे सब भरा

©Kamlesh Kandpal
  #Vasundhara