मिट्टी के इस तन से जीवन के इस वन में कुछ तो फूल खिलाओ जीवन को व्यर्थ ना गवाओ सागर से उठकर आसमान तक जाओ सूखी जमी पर मेघ बरस जाओ दलदल में भी कमल खिलाओ जीवन को उत्सव बनाओ प्रभु की इस पृथ्वी को प्रेम से भर जाओ जीवन की इस ज्योति को घर-घर में जलाओ मिट्टी के इस तन से जीवन के इस वन में कुछ तो फूल खिलाओ!!! ©अनुज #IndianArmy