घरवालों की याद उन्हें भी आती है। घरवालों से मिलने का दिल उनका भी करता है।। अपनी हर खुशी वतन के नाम करकर चलते हैं फौजी। देश की रक्षा की खातिर हम सबकी ढाल बनकर चलते हैं फौजी।। जब याद आती है मां बाबू जी की छुप छुप कर रोये हैं फौजी। अपनी जान तिरंगे के नाम करकर तिरंगे में लिपट कर सोये हैं फौजी।। नहीं बयान कर सकते हम दर्द फौजियों का हमारे लिए हर रोज कितना बलिदान देते हैं फौजी।। ©Aishwarya CMH घरवालों की याद उन्हें भी आती है। घरवालों से मिलने का दिल उनका भी करता है।। अपनी हर खुशी वतन के नाम करकर चलते हैं फौजी। देश की रक्षा की खातिर हम सबकी ढाल बनकर चलते हैं फौजी।।