दिल का हाल ना पूछो सखी, सांवरे की एक झलक दिखी, वह निर्मोही ना जाने हाल मेरा, मेरी नब्ज़ भी थमने लगी, हाय!... तिरछी नज़र सांवरे की, बांसुरी की धुन मुझे सुनने लगी, मन मयूर नाच उठा सुन प्रेम धुन, मैं प्रेम दीवानी कहलाने लगी। 🌝प्रतियोगिता-129🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"मन मयूर"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I