क्यों चाहते हो कि मोहब्बत हो जाए? बातों ही बातों में तुम मुझे फसाओगे, कल को उसी चीज का दुख मनाओगे l मेरी इन्हीं बातों पे जिनपर तुम्हें आज प्यार आता है, कल को फोन काट के चुपचाप सो जाओगे l फिर क्यों चाहते हो कि मोहब्बत हो जाए? जो आज मैं बच्चा भी बन जाती हूँ तो तुम्हें बहुत प्यार आता है, कल को इसी बच्चें का तुम बचपना छुड़वाओगे। फिर क्यों चाहते हो कि मोहब्बत हो जाए? मेरे एक आसूँ पे आज जो तुम सब कुछ छोड़-छाड़ कर चले आते हो, कल को वही आसूँ तुम्हें नजर नहीं आयेंगे l फिर क्यों चाहते हो कि मोहब्बत हो जाए? आज तुम्हें देख भी लू तो तुम बहुत इठलाते हो, जाकर ये बात अपने दोस्तों को भी बताते हो, कल तुम भी वहीं होगे, ये नजरें भी वहीं होंगी फर्क सिर्फ इतना होगा कि कल तुम नजरे चुराओगे। फिर क्यों चाहते हो कि मोहब्बत हो जाए? तो तुम बताओ ऐसी नौबत ही क्यों आने दे? क्यों ऐसी मोहब्बत को होने दे? क्यों चाहते हो कि मोहब्बत हो जाए? बातों ही बातों में तुम मुझे फसाओगे, कल को उसी चीज का दुख मनाओगे l मेरी इन्हीं बातों पे जिनपर तुम्हें आज प्यार आता है, कल को फोन काट के चुपचाप सो जाओगे l फिर क्यों चाहते हो कि मोहब्बत हो जाए?