हूं आज भी भटक रहा, इन अंधेरों में मैं जहां मैंने कभी मुझको छोड़ा था। है अफ़सोस आज भी मुझको क्यों बीच सफ़र में छोड़ा था।। - सौरभ पांचाल #_अफ़सोस_