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जीने की एक वजह मांगी थी ए-खुदा तुझ से वो आस भी अधू

जीने की एक वजह मांगी थी ए-खुदा तुझ से वो आस भी अधूरी रहा गयी ,,,
              क्यो में आज भी तन्हा - अकेला हु क्यो में आज भी मायूस हु इस भीड़ में ,,,
   किस गुनहा की सजा तूने मुझ को दी है कि आज भी मेरी रूह अकेली है ,,,

©Bewafa Shayr Vicky Prem Lata Solanki POOJA UDESHI Poetry Stage Umesh  UJJAWAL ROY Umar Kassa,9639239155 @j

#LastDay
जीने की एक वजह मांगी थी ए-खुदा तुझ से वो आस भी अधूरी रहा गयी ,,,
              क्यो में आज भी तन्हा - अकेला हु क्यो में आज भी मायूस हु इस भीड़ में ,,,
   किस गुनहा की सजा तूने मुझ को दी है कि आज भी मेरी रूह अकेली है ,,,

©Bewafa Shayr Vicky Prem Lata Solanki POOJA UDESHI Poetry Stage Umesh  UJJAWAL ROY Umar Kassa,9639239155 @j

#LastDay