बड़ी मासूम सी है सूरत,बड़ा मासूम है वो चेहरा सपनों को है सच समझती,उसका हर ख्वाब है सुनहरा खुश्बू सी महकती है,सारे घर में चहकती है मेरी आवाज़ से मेरे मन को,वो न जाने कैसे परखती है आई है बनके किस्मत,करने दूर सब अँधेरा बेटी है रहमत खुदा की और खुशियों का नया सवेरा आँखें हैं उसकी हँसती,बातों में खुशियाँ हैं बसती सस्ते है दर्द सारे,सलामत रहे घर ये मेरा आती है जब भी मुश्किल,वो थामती है हाथ मेरा नन्हीं ऊँगलियों ने लिख दिया है,खुशियों का नया बसेरा करता हूँ तेरा शुक्राना,ख़ुदा कर्ज़दार हूँ मैं तेरा दुनिया मागँती है चाँद-तारे,मैं माँगू बस उसका चेहरा.. ©Abhishek Trehan #बालिकादिवस #nationalgirlchildday #nationalgirlchildday2021 #hindi #poetry #manawoawaratha #therealdestination.com #HappyDaughtersDay2020