चाहिए ख़ुशी की मिठास और रोटी चैन की, नहीं चाहिए रिश्तों की खटास और मिर्च बेचैन की। चटनी की तासीर से रस भरें साथ हो ऐसे नये लोग, खिलखिलाहट का लगना भी हो जाये ज़रूरी हर रोज भोग। दुनियादारी की दाल में फुरसतो का छौकां भी तो चाहिए, चाहतों की चाय वाली चुस्की का मदमस्त मौका भी तो चाहिए। तजुरबों का आचार होना इसमे बेहद ज़रूरी है, सम्भावनाओं की सब्जी बिना, ये थाली अधूरी है। अपने अरमानो के पेट मे सबने, अलग अलग गुज़ारिश है पाली, पर खाना वही है आख़िर में वैसे, जैसी मिली हो जिंदगी की थाली । ©Prince Jain Dugar #जिंदगी #की #थाली #लव #your #लाइफ #Live #your #Life