सोहबत में तुम्हारे हम यूं निखर गए जब भी लिखा तुम्हे ,हर जगह छा हम गए इत्र से दोस्ती नहीं हमारी पर जब भी याद कर तुम्हे घर से निकलता लोग न जाने क्यूं शिद्दत से पूछते कौन सी इत्र लगा तुम यूं घर से निकल गए । Hum Tere Bin Ab Reh Nahi Sakte Tere Bina Kya Wajood Mera Hum Tere Bin Ab Reh Nahi Sakte Tere Bina Kya Wajood Mera Tujhse Juda Gar Ho Jaayenge Toh Khud Se Hi Ho Jaayenge Judaa