इत्तेफाक से मिले थे तुम मुझे, मिलकर लगा मेरा हमसफ़र मिल गया मुझे, अफ़सोस तकदीर ने एक बार फिर धोखा दिया मुझे, नाकामयाबी और दर्द सिवा कुछ और ना मिला मुझे| ©kahani shukla #ekrealishq