ना जाने कैसे ये वक्त बदल जाता है सुहाना मौसम, काले तुफानों में बिफर जाता है जलते थे दीए जहां खुशियों के वहा दुख और अंधेरे का जमवाड़ा सा लग जाता है ना जाने क्यों और कैसे ये वक्त बदल जाता है बदलता वक्त #वक्त #वक्त_और_जिन्दगी