सम्मान हमेशा सम्मान हमेशा उनके लफ़्ज़ों ने किया लेकिन गुस्ताखी जो निगाहों ने की उसे दफ़नाऊँ कहाँ? वो जाते हुए उम्र भर का किस्सा कह गए हम फ़क़त ठहर कर भी वो सुन न सके अगली मोड़ वो इमारत भी ढह गई जहां कहकहें गूंजे थे कभी और आज आंसू जज्ब हो रहें... ©Ashiya Alvii #randomness_in_thought #vibes_of_words #PoetInYou