बच्चों को अँग्रेजी माध्यम से पढ़ाने में हमें बहुत गर्व महसूस होता है भले ही उनकी लूट और शोषण से दिल ही दिल में तिलमिलाते रहते हैं और यदा कदा आवाज उठाते रहते हैं पर बहिष्कार करने की हिम्मत नहीं जुटा पाते!हमारे देश में हिंदी का ही साम्राज्य होगा, अगर जनता चाहे तो! बड़े-बड़े शोरूम, मॉल्स आदि में हिंदी में बातचीत की मांग करें, अगर उन्हें अपना कारोबार देखना होगा तो हिंदी को अपनाएंगे!तब निश्चित रूप से हिंदी चलन में होगी जैसे आज अंग्रेजी है, पर होता क्या है कि हम वहाँ अंग्रेजी सुनकर ,खुद को उनके अनुरूप बनाने की कोशिश करते हैं जबकि यह प्रयत्न उन्हें करना होगा! हम बचपन से स्कूल में अपने पाठ्यक्रम में हिंदी भाषा पर निबंध पढ़ते-लिखते आ रहे हैं फिर भी हमें हिंदी अच्छी क्यों नहीं लगती?मुझे तो पता नहीं क्यों ,शुरू से हिंदी विषय और हिंदी के शिक्षक बहुत ही अच्छे लगते रहे हैं और हिंदी पत्र पत्रिकाएं पढ़ना बहुत भाता रहा है!इसका मतलब यह नहीं कि अँग्रेजी कमज़ोर रही पर खुशी और आनंद हिंदी में ही मिलता रहा है जो आज भी कायम है! #हिंदी व्यवहार में लाएं...#१४.०९.२० #भाग 3 #Hindidiwas