क्या कहूँ? कहूँ के, तू बस मेरी होजा, एक पल तू मेरे नाम कर दे,, सुबह से इश्क़ को जी मेरे, मेरी मोहब्बत में शाम कर दे,, एक दिन तुझे केह सकूँ के तू जिंदगी है मेरी, बस जानेमन इतना सा इंतज़ाम कर दे, और क्या कहूँ? क्या कहूँ? (part-3) check out my profile for full poetry,,