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"कल रात के ख़्वाब में जब उनसे मुलाकात हुई," हम उनकी

"कल रात के ख़्वाब में जब उनसे मुलाकात हुई," हम उनकी ज़ानिब गये थे पंख लगाकर,
वो बैठे थे बादलो पर तख़्त बनाकर,
उनके इर्द गिर्द नीली नीली तितलियां उड़ रही थी,
वो हसीना तेज चलती हवा में अपने बाल संभाल रही थी।
उसकी खूबसूरती हमारे दिल को पागल कर रही थी।
देखते ही रहे हम, कहाँ कोई बात हुई।
देखते ही देखते रात के ख्वाब में भी रात हुई।
चले गए वो, बस अधूरी सी मुलाक़ात हुई। 1.जानिब=की तरफ  2.इर्द-गिर्द=आस-पास #Nojoto#Meeting#2liner#HindiPoetry#NishhShayri
"कल रात के ख़्वाब में जब उनसे मुलाकात हुई," हम उनकी ज़ानिब गये थे पंख लगाकर,
वो बैठे थे बादलो पर तख़्त बनाकर,
उनके इर्द गिर्द नीली नीली तितलियां उड़ रही थी,
वो हसीना तेज चलती हवा में अपने बाल संभाल रही थी।
उसकी खूबसूरती हमारे दिल को पागल कर रही थी।
देखते ही रहे हम, कहाँ कोई बात हुई।
देखते ही देखते रात के ख्वाब में भी रात हुई।
चले गए वो, बस अधूरी सी मुलाक़ात हुई। 1.जानिब=की तरफ  2.इर्द-गिर्द=आस-पास #Nojoto#Meeting#2liner#HindiPoetry#NishhShayri
nishathashmi0167

Nishh.

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1.जानिब=की तरफ 2.इर्द-गिर्द=आस-पास ##meeting#2liner#hindipoetry#NishhShayri