यूं अकेले में औरों पर , मनकही कहानी - कब तक लिखते रहोगे तुम ? कभी अपनी जुबानी - अपनी कहानी भी कहो - खुद को अच्छा लगेगा !! अच्छा ये भी हो कि दीवारों से , औरों की बातें ना किया करो , क्या पता इन दीवारों के - सच में कान होते हों ? अकेला कभी अकेला नहीं होता