Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat मन की सलेट पर सवाल लिखा जवाब मन से मिला ख़ून के रंग मंच पर फिर ख़ून से लिखा इतिहास, बेटी होने का कर्ज़ कट कर फ़र्ज़ भी अदा किया। मन की सलेट पर फिर सवाल लिखा, जवाब मन से मिला लक्ष्य क्या था तेरा, कुबान होती रही औरतों की आबरू, नीलाम होती रही ,हवस मिटाने की वास्तव में वस्तु का स्थान तो प्रबल दावेदार हुई। मन की सलेट पर सवाल लिखा, जवाब मन ने दिया इस्तीफा नहीं था , हालातों ने मजबूर किया ,फिर मजबूत किया औरत की सीरत सूरत से नापी जाती फिर भी सबके दिलों में कभी भी जगह नहीं बना पाती पराई घर की हो कर है रह जाती, मा बन नाम भी ना दे पाती। उफ़ फिर औरत की ज़िन्दगी में पहचान कैसे बनाती? मन की सलेट पर सवाल पर सवाल उठाए जवाब अदालत में पेश हुई ज़वानी ज़िंदाबाद के नारे लगाए। जवानी बिकती खिलेआम बोली लगाई जाती शादी के बंधन को चौकें पर खड़ा किया जाता। नुमाइश का एहसास करवाया जाता,बोली लगाई जाती, बेटी को जो देना है हमें कुछ नहीं चाहिए का दिखावा भी किया जाता। कब खत्म होगा ये कारोबार मन की सलेट पर फिर सवाली हुआ सलाहकार। मन की स्लेट पर कौन लिखता है रोज़ इतना कुछ। #मनकीस्लेट #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat मन की सलेट पर सवाल लिखा जवाब मन से मिला ख़ून के रंग मंच पर फिर