कहानी उसकी है जिसे मैं प्यार करता था थोड़ा नहीं बेशुमार करता था वह भी मुझसे बेशुमार प्यार करती थी पर कहा जाता है ना सच्चा प्यार पूरा नहीं होता मेरा भी नहीं हुआ पर उसके बाद किसी और लड़की को देखा। निकेत पांडेय नहीं चाहा नहीं फिर मैंने सोचा यार कब तक ऐसा रहूंगा ओ जुदा होकर जी रही है मैं भी जुदा होकर जिऊंगा तब उसके बाद मेरे लाइफ में बहुत सी लड़की आई पर कोई रुकी नहीं क्योंकि जब कोई लड़की से मैं बात करता था तो कभी-कभी ऐसी बात बोलती थी कि मुझे लगता था कि मेरी ओ है जिसे मैं प्यार करता था फिर मैं उसकी यादों में खो जाता था और उस लड़की से बात करना छोड़ देता था और हो गए उसे बात किए हुए कम से कम 4 साल देखे हुए 4 साल हो गए पर आज तक कभी भूल नहीं पाया और शायद ना कभी भूल पाऊ प्यार करना मैंने अपनी मां से सीखा और मेरी मां ने मुझे धोखा देना कभी नहीं सिखाया प्यार में धोखा किसी को कैसे दे सकता हूं पर मैं टूट चुका हूं बिखर चुका हूंऔर टूटी हुई चीज को दोबारा जोड़ने पर उसने दाग रहता है last part