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"*मंदाकिनी"* अविरल निर्मल जल है माते मन्द मन्द ध्व

"*मंदाकिनी"*
अविरल निर्मल जल है माते
मन्द मन्द ध्वनि कल कल माते,
वह पुनीत उदगम् है तेरा
महादेव का जहां बसेरा,
वाल्य काल को छोड़ चली मां
शिव से नाता तोड़ चली मां
पथ में लघु नदियां मिल आयी
मिलन की सबने प्यास बुझायी,
सब नदियों की अलग राह है
मिलनी सबको सिंधु शाह है,
नदियों ने हमको सिखलाया
ऐसा ही है मानव तेरा
यहां खुशियों का चन्द बसेरा,
छोड़ दे कहना मेरा मेरा
परम तत्व गंतव्य है तेरा।
"" विजय"" ""मंदाकिनी ""

#faraway
"*मंदाकिनी"*
अविरल निर्मल जल है माते
मन्द मन्द ध्वनि कल कल माते,
वह पुनीत उदगम् है तेरा
महादेव का जहां बसेरा,
वाल्य काल को छोड़ चली मां
शिव से नाता तोड़ चली मां
पथ में लघु नदियां मिल आयी
मिलन की सबने प्यास बुझायी,
सब नदियों की अलग राह है
मिलनी सबको सिंधु शाह है,
नदियों ने हमको सिखलाया
ऐसा ही है मानव तेरा
यहां खुशियों का चन्द बसेरा,
छोड़ दे कहना मेरा मेरा
परम तत्व गंतव्य है तेरा।
"" विजय"" ""मंदाकिनी ""

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""मंदाकिनी "" #faraway