मेरा मन मेरा मन ना बड़ा बैरागी है फिरता इधर उधर कभी रूठो को मनाए कभी रोते को हसाए ठहरता नहीं कभी एक ही शहर कड़कती धूप में कभी छाव सा बन जाता कभी मा बनके लोरिया सुनता मेरा मन बड़ा बैरागी है फिरता इधर उधर #meraman #todayspost #loveshayri #nojoto