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जीवन की कठिन तपस्या में संबंधों की जटिल समस्या में

जीवन की कठिन तपस्या में
संबंधों की जटिल समस्या में,
सुख में या दुखी अवस्था में,
जब साथ मांगने आता हूं,
खोजूं तो कब मिलते हो तुम
हे मित्र कहां रहते हो तुम।

बीथी घूमूं, अंबर छानूं,
कितने चेहरों को पहचानूं,
एक साथी की अभिलाषा ले
भटकूं तो कहां-कहां जाऊं,
कष्टों की भरी दुपहरी में
सोचो! कब दिखते हो तुम,
हे मित्र कहां रहते हो तुम।

तुमको मैं अपना मान भी लूं
सबसे करीब स्थान भी दूं,
थाली में मस्तक भी रख दूं
यदि प्रेम निछावर कर भी दूं,
फिर रोकूं तो कब रुकते हो तुम
हे मित्र कहां रहते हो तुम। #yqrishi #yqdidi #yqdada #yqbaba #yqhindi  

Photo Credit : Unsplash
जीवन की कठिन तपस्या में
संबंधों की जटिल समस्या में,
सुख में या दुखी अवस्था में,
जब साथ मांगने आता हूं,
खोजूं तो कब मिलते हो तुम
हे मित्र कहां रहते हो तुम।

बीथी घूमूं, अंबर छानूं,
कितने चेहरों को पहचानूं,
एक साथी की अभिलाषा ले
भटकूं तो कहां-कहां जाऊं,
कष्टों की भरी दुपहरी में
सोचो! कब दिखते हो तुम,
हे मित्र कहां रहते हो तुम।

तुमको मैं अपना मान भी लूं
सबसे करीब स्थान भी दूं,
थाली में मस्तक भी रख दूं
यदि प्रेम निछावर कर भी दूं,
फिर रोकूं तो कब रुकते हो तुम
हे मित्र कहां रहते हो तुम। #yqrishi #yqdidi #yqdada #yqbaba #yqhindi  

Photo Credit : Unsplash