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मैंने उसे भूलने की खूब कोशिश की, लेकिन एक दिन एक च

मैंने उसे भूलने की खूब कोशिश की, लेकिन एक दिन एक चट्टान पर खड़ा था उसकी यादों में उसके साथ
वादियों को निहार रहा था उसके साथ
वो कहने लगी आसमाँ में उड़ने का मन हो रहा है
दोनों ने एक दूजे के हाथ थामे ,नजर से नजर मिलाई
और कुद गए घाटी से उन वादियों में
मैं उसे तो भूल न पाया पर खुद को भूल गया
जिस्म टकरा कर किसी चट्टान से टूट टूट बिखर गया
रूह आज़ाद थी अब उसकी यादों के साथ
अब भी थे हमारे हाथों में हाथ
जब तुम जिस्म छोड़ जा रही थी
कहा था न रूह थामे रहेगी हाथ
आज देखो मेने भी जिस्म छोड़ दिया
अब रूह है एक हो साथ, थामे है हाथों में हाथ
यह सब क्या था, क्या है  कुछ न पता 
सुबह क्या दिन क्या  शाम क्या और क्या रात
मैंने उसे भूलने की खूब कोशिश की ,लेकिन एक दिन
एक चट्टान पर खड़ा था जब उसकी यादों में उसके साथ
Kunwarsurendra #Usey_bhulne_ki_koshish#kunwarsurendra#memory#love#soulmate#poetry#poem#शायरी Inner Voice  Puja Kumari✍️ sarita yadav rekha nagar tanwar AS Sabreen
मैंने उसे भूलने की खूब कोशिश की, लेकिन एक दिन एक चट्टान पर खड़ा था उसकी यादों में उसके साथ
वादियों को निहार रहा था उसके साथ
वो कहने लगी आसमाँ में उड़ने का मन हो रहा है
दोनों ने एक दूजे के हाथ थामे ,नजर से नजर मिलाई
और कुद गए घाटी से उन वादियों में
मैं उसे तो भूल न पाया पर खुद को भूल गया
जिस्म टकरा कर किसी चट्टान से टूट टूट बिखर गया
रूह आज़ाद थी अब उसकी यादों के साथ
अब भी थे हमारे हाथों में हाथ
जब तुम जिस्म छोड़ जा रही थी
कहा था न रूह थामे रहेगी हाथ
आज देखो मेने भी जिस्म छोड़ दिया
अब रूह है एक हो साथ, थामे है हाथों में हाथ
यह सब क्या था, क्या है  कुछ न पता 
सुबह क्या दिन क्या  शाम क्या और क्या रात
मैंने उसे भूलने की खूब कोशिश की ,लेकिन एक दिन
एक चट्टान पर खड़ा था जब उसकी यादों में उसके साथ
Kunwarsurendra #Usey_bhulne_ki_koshish#kunwarsurendra#memory#love#soulmate#poetry#poem#शायरी Inner Voice  Puja Kumari✍️ sarita yadav rekha nagar tanwar AS Sabreen