दिल ढूंढता रहा तुम्हें तुम कहां चली गई
मन तड़पता रहा तुम बिना मिले कहां गई
आरजू मुलाकत की थी.. हम राह निहारते रहे
तुम दबे पांव आ.. महका गुल कहां गई..
हसरते पाल वस्ल की.. हम इंतज़ार करते रहे
आप पल्लू लहरा सामने से.. मुस्कुरा निकल गई..
हम खुबसूरती देख मुखड़े की आपके हैरा थे
आप दबा के बाई आंख खिलखिला के निकल गई.. #yqbaba#YourQuoteAndMine#yqrestzone#collabwithrestzone#yqrz#rzpictureprompt#rzpicprompt3974