चिल्ला रही हे खामोशियां , ए केसी परेशानी हे घना अंधेरा हे , ए उस रात की कहानी हे . . . बुझ गये कयी दिये , ए जले हुये दिल कि निशानी हे सवेरा फिर होगा , इश्क़ की नाराजगी जो उन्हे बतानी हे. . . . पत्थर सीने मे रखता हु , आँखो से बेहता फिरभी पानी हे गिरके उठा फिरसे , तुझसे मोहब्बत तो बस् नादानी हे . . . #काकडे #Hope #Love