विशेष हूँ तो विशेष ही काम करता हूँ। मैं खराद हूँ जो मशीन से प्यार करता हूँ। एक फैक्ट्री में कुछ मजदूर काम कर रहे थे। उनके आसपास मशीन का शोर मचा हुआ था। शोर ऐसा कि इंसानी दिमाग भी अपना होश खों बैठे। जब मशीनों का यह शोर एक मजदूर बर्दाश्त नही कर पाया तो उसने अपने साथ काम कर रहे दूसरे मजदूर से पूछा- “आज ये मशीन इतनी आवाज़ क्यों कर रही है?” तभी एक आवाज आई- “क्योंकि मैं सबको बता रहा था कि मैं इन सब मे सबसे ज्यादा खास हूँ, तभी तो मुझे विशेष खराद कहा जाता हैं।” तभी बुर्ज खराद अपने पुर्जों पर हाथ रखते हुए बोला- “चिल्लाओ मत, हमें पता है कि तुम्हें विशेष खराद कहते हैं तो इसमें क्या हो गया? तुम तो केवल एक जैसे दिखाई देने वाले पुर्जों को तेजी से बनाते हो। मेरे बिना तो कोई भी मशीन पूरी नहीं हो सकती, समझ गए। बुर्ज खराद की बात सुनकर विशेष खराद जोर से हँसा और बोला- “तुम तो डुप्लीकेट पुर्जे बनाते हो, और डुप्लीकेट में कोई न कोई कमी रह ही जाती हैं।