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एक बाजार लगा महेब्बत का बडी जौरो से हुई । किसी को

एक बाजार लगा महेब्बत का 
बडी जौरो से हुई ।
किसी को खरीदार अच्छा मिला।
अपनी यारी चोरो से हुई।
उसने हम को हमी से चुरा उसेने 
ग्रीबी खाश बताया उसे ने ।
लकिरे हाथ की बदली तो वक्त के साथ
 वो भी बदलगी!
जिस दिन अलग हुए उस दिन मर 
जाऊगी! कहा करती !
महेब्बत मे हमारा गुस्सा 
भी सहा करती थी! 
परछाई बनकर साथ रहती थी॥ 
यही हमारी आधी कहानी थी

©Tarun tilwaliya महेब्बत

#DearCousins
एक बाजार लगा महेब्बत का 
बडी जौरो से हुई ।
किसी को खरीदार अच्छा मिला।
अपनी यारी चोरो से हुई।
उसने हम को हमी से चुरा उसेने 
ग्रीबी खाश बताया उसे ने ।
लकिरे हाथ की बदली तो वक्त के साथ
 वो भी बदलगी!
जिस दिन अलग हुए उस दिन मर 
जाऊगी! कहा करती !
महेब्बत मे हमारा गुस्सा 
भी सहा करती थी! 
परछाई बनकर साथ रहती थी॥ 
यही हमारी आधी कहानी थी

©Tarun tilwaliya महेब्बत

#DearCousins

महेब्बत #DearCousins