रोक लिया हैं खुद को पर ज़ज्बात की नदिया को रोक ना पाऊँगा छोड़ दिया हैं शहर को तेरे, पर तुझे दिल से कैसे निकाल पाऊँगा भेजने का समय आज शाम 6 बजे तक। परिणाम की घोषणा आज रात 8 बजे तक। सहभागिता सबके लिए खुली है ✍🏻 आपके अल्फ़ाज़ शब्दों की मर्यादा का ध्यान अवश्य रखे । 1. फॉन्ट छोटा रखें और बॉक्स में लिखें।