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रम गई रम उस मौसम का ग़म भुलाने को, डूब गई ये अंखिया

रम गई रम उस मौसम का ग़म भुलाने को, डूब गई ये अंखिया उसकी याद में,                                                                                 ख़ुद को ख़ो कर उसको पाने को,                                                                          एक इंतज़ार एक आस सी लगी है,                                                            समंदर से गहरा तेरा मेरा                                                                          ये रिश्ता है,                                                                तभी तो इस सीने में उस सात                                                                    और साथ की याद बड़ी है.                                                                               ✍️.✍️.✍️                        "Written:-by @ Umesh kumar" #सात और साथ का रिश्ता
रम गई रम उस मौसम का ग़म भुलाने को, डूब गई ये अंखिया उसकी याद में,                                                                                 ख़ुद को ख़ो कर उसको पाने को,                                                                          एक इंतज़ार एक आस सी लगी है,                                                            समंदर से गहरा तेरा मेरा                                                                          ये रिश्ता है,                                                                तभी तो इस सीने में उस सात                                                                    और साथ की याद बड़ी है.                                                                               ✍️.✍️.✍️                        "Written:-by @ Umesh kumar" #सात और साथ का रिश्ता