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इक फ़साना-ए-फ़ुवाद फ़ाश करता हूँ। फ़लक और ज़मीन को पास

इक फ़साना-ए-फ़ुवाद फ़ाश करता हूँ।
फ़लक और ज़मीन को पास करता हूँ।

आब-ए-रवाँ नम करता रुख़सार मेरा!
नाशीनास नालां सा एहसास करता हूँ। #कोराकाग़ज़ #उर्दुकीपाठशाला #collabwithकोराकाग़ज़ 
#आब_ए_रवाँ
#पाठकपुराण  #शुभरात्रि ।

दिल का एक किस्सा शुरू करता हूँ।
आसमां को ज़मीन के पास करता हूँ।
गालों को नम करता बहता हुआ पानी।
अज्ञान भरे एहसास का विलाप करता हूँ।
इक फ़साना-ए-फ़ुवाद फ़ाश करता हूँ।
फ़लक और ज़मीन को पास करता हूँ।

आब-ए-रवाँ नम करता रुख़सार मेरा!
नाशीनास नालां सा एहसास करता हूँ। #कोराकाग़ज़ #उर्दुकीपाठशाला #collabwithकोराकाग़ज़ 
#आब_ए_रवाँ
#पाठकपुराण  #शुभरात्रि ।

दिल का एक किस्सा शुरू करता हूँ।
आसमां को ज़मीन के पास करता हूँ।
गालों को नम करता बहता हुआ पानी।
अज्ञान भरे एहसास का विलाप करता हूँ।