ज़रा जिंदगी तू भी करवट बदल तेरे इंतजार में जिंदगी खड़ी है इन तारों की भीड़ है और बस इक पर नज़र पड़ी हुई है कोई तारा टूटेगा कभी तो इक इंतजार पहर सबर में है मांग लूं थोड़ा ख़ुद के लिए भी गिनतीयों में लिखी कमी है खोया तो बहुत है जिंदगी में कुछ पाने की अब भी आस दबी है सूखे आंसू, सूखी नदी है नज़रों में कुछ उम्मीद जगी है उन राहों से मंजिल के बीच आज भी मेरी जिंदगी खड़ी है _mywords स्वाति...❣️ #star&me #Stars&Me