मेरी हर साँसों में,अब समाए हो तुम कैसे कह दूं कि फ़िर पराए हो तुम! मुझे अब चाहत नही किसी आने जाने वाले की मेरे लिए तो रब ने सिर्फ बनाए हो तुम! पागल सुमित कोरी लड्डू