मैं नहीं मानता आज महिलाओं के ही चर्चे चारों ओर हैं मैं नहीं मानता कि महिलाएं कमजोर हैं है गर तू मर्द तो साथ निभा पुरजोर है हाथ उठाके उसपे चिल्लाने का क्यों शोर है मैं नहीं मानता कि महिलाएं कमजोर हैं नौ माह तक गर्भ में पाले फिर तुझको संसार दिखाया तुझे सीने से क्षीर पिलाया खुद की रोटी के लाले तेरे गीले बिस्तर से वो होती थी सराबोर है मैं नहीं मानता कि महिलाएं कमजोर हैं जब भी चोट लगे मुंह से मां कराहता है फिर क्यों नारी को सम्मान न देता उसको क्यों अवला कहता है नारी का करता अपमान तू घनघोर है मैं नहीं मानता कि महिलाएं कमजोर हैं एक थी इंदिरा एक थी कल्पना दिखाया जिन्होंने शौर्य देश को अपना संभाली अपने राष्ट्र की बागडोर है मैं नहीं मानता कि महिलाएं कमजोर हैं #_कुमार_मोहित_पाराशर मैं नहीं मानता कि महिलाएं कमजोर हैं