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ज़िंदगी में सिर्फ़ चलना या दौड़ते रहना ज़रुरी नहीं

ज़िंदगी में सिर्फ़ चलना या दौड़ते रहना ज़रुरी नहीं होता,, 
सही वक़्त पर रुक जाना भी ज़रुरी होता है,, 
वरना इंसान मंज़िल से भी आगे निकल जाता है........ 
इतना आगे,,,, 
जहाँ उसके पास कोई भी पहुँच नहीं सकता... #Rukna seekna bhi jruri h sahi waqt pr....
ज़िंदगी में सिर्फ़ चलना या दौड़ते रहना ज़रुरी नहीं होता,, 
सही वक़्त पर रुक जाना भी ज़रुरी होता है,, 
वरना इंसान मंज़िल से भी आगे निकल जाता है........ 
इतना आगे,,,, 
जहाँ उसके पास कोई भी पहुँच नहीं सकता... #Rukna seekna bhi jruri h sahi waqt pr....
neerja8356032161117

Neha

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