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ठंड तो ठंड है! सुरसुरी हवा चली! बादलों से घिरी.. क

ठंड तो ठंड है!
सुरसुरी हवा चली!
बादलों से घिरी..
कपकपाते लोग!
संग संग सांस चली!
हम थे साथ और
हमारी थी हमजोली!
दिल था जो घबरा के..
दिल दिल से मिली!
चांद भी छिप गया..
चांदनी के साथ..
तारों ने पकड़ ली..
अपनी अपनी गली!
सूर्य देता कब तक गरमी!
ठंड से वह भी गली!
कोहरों ने ढक लिया दुनियां!
इश्क में प्यार फली फुली!!
डर है गर्मी फिर न आ जाए!
🙏🙏🙏🙏🙏🙏✍️
हरीश वर्मा हरी बेचैन
8840812718 ठंड तो ठंड है!
सुरसुरी हवा चली!
बादलों से घिरी..
कपकपाते लोग!
संग संग सांस चली!
हम थे साथ और
हमारी थी हमजोली!
दिल था जो घबरा के..
ठंड तो ठंड है!
सुरसुरी हवा चली!
बादलों से घिरी..
कपकपाते लोग!
संग संग सांस चली!
हम थे साथ और
हमारी थी हमजोली!
दिल था जो घबरा के..
दिल दिल से मिली!
चांद भी छिप गया..
चांदनी के साथ..
तारों ने पकड़ ली..
अपनी अपनी गली!
सूर्य देता कब तक गरमी!
ठंड से वह भी गली!
कोहरों ने ढक लिया दुनियां!
इश्क में प्यार फली फुली!!
डर है गर्मी फिर न आ जाए!
🙏🙏🙏🙏🙏🙏✍️
हरीश वर्मा हरी बेचैन
8840812718 ठंड तो ठंड है!
सुरसुरी हवा चली!
बादलों से घिरी..
कपकपाते लोग!
संग संग सांस चली!
हम थे साथ और
हमारी थी हमजोली!
दिल था जो घबरा के..