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मन की आखों से देखों क्योंकि मन की आंखों से देखो क्

मन की आखों से देखों क्योंकि मन की आंखों से देखो क्योंकि,
 यह हकीकत से रूबरू कराती हैं।
 तन की आंखों में तो फरेब दिखता है।
 दिल की गहराई को देखती हैं मन की आंखें।
न जाने कब तक धोखा देंगी तन की आंखे।
मन की आंखों से देखो क्योंकि,
हकीकत से रूबरू कराती हैं मन की आंखे।
#5Line Poetry

©Ramgopal Singh मन की आंखो से देखो क्योंकि........

#AdhureVakya
मन की आखों से देखों क्योंकि मन की आंखों से देखो क्योंकि,
 यह हकीकत से रूबरू कराती हैं।
 तन की आंखों में तो फरेब दिखता है।
 दिल की गहराई को देखती हैं मन की आंखें।
न जाने कब तक धोखा देंगी तन की आंखे।
मन की आंखों से देखो क्योंकि,
हकीकत से रूबरू कराती हैं मन की आंखे।
#5Line Poetry

©Ramgopal Singh मन की आंखो से देखो क्योंकि........

#AdhureVakya

मन की आंखो से देखो क्योंकि........ #AdhureVakya #कविता #5line