Google ग़मों की आँच पे आंसू उबाल कर देखो बनेंगे रंग किसी पर भी डाल कर देखो। तुम्हारे दिल की चुभन भी ज़रूर कम होगी किसी के पावँ से कांटा निकाल कर देखो। वो जिसमें लौ है विरोधों में और चमकेगा किसी दिए पे अँधेरा उछाल कर देखो। कुँअर मिठास भी होती है खारे पानी में तुम अपने अश्क़ का सागर खंगाल कर देखो। - डॉ कुँअर बेचैन ©ᴋʜᴀɴ ꜱᴀʜᴀʙ #तुम्हारे_दिल_की_चुभन.. poetry in hindi hindi poetry on life