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मैं समझ के भी न समझ रहूँ , ऐसा तो मुमकिन नही , तुम

मैं समझ के भी न समझ रहूँ ,
ऐसा तो मुमकिन नही
, तुम खुद में खुद से उलझे हो ,
इसकी शायद मैं सुलह नही।
तुम हर लम्हे को यूं सहते हो,
शायद कोई वजह रही,
मैं गवाह बनू या बनू हकीम,
इस मर्ज की क्या दवा नहीं?
मैं सफर में जो दोस्त रहूं,,
तो कह दो जो अभी कहा नही,
क्यूँ खुद में इतने उलझे हो,
की औरो का तुम्हे पता नही,
तुम खुले मिजाज, झक्कास मुस्कान के,
क्या वजह जो दिन हुए तुम हँसे नही। 
ये किरदार दो रखते हो तुम,
बाहर से तुम मुस्कुरा रहे,
क्या अंदर है मुझे पता नही।
जो भी है संभल जाओ,
जो जीते है तुम्हे देख कर,
उनके लिए ही सही,
एक बार खुल कर मुस्कुरा जाओ। 🌻
#Heysunflower #alonetogether #careshare #Dostpyarhumsafar #CityEvening
मैं समझ के भी न समझ रहूँ ,
ऐसा तो मुमकिन नही
, तुम खुद में खुद से उलझे हो ,
इसकी शायद मैं सुलह नही।
तुम हर लम्हे को यूं सहते हो,
शायद कोई वजह रही,
मैं गवाह बनू या बनू हकीम,
इस मर्ज की क्या दवा नहीं?
मैं सफर में जो दोस्त रहूं,,
तो कह दो जो अभी कहा नही,
क्यूँ खुद में इतने उलझे हो,
की औरो का तुम्हे पता नही,
तुम खुले मिजाज, झक्कास मुस्कान के,
क्या वजह जो दिन हुए तुम हँसे नही। 
ये किरदार दो रखते हो तुम,
बाहर से तुम मुस्कुरा रहे,
क्या अंदर है मुझे पता नही।
जो भी है संभल जाओ,
जो जीते है तुम्हे देख कर,
उनके लिए ही सही,
एक बार खुल कर मुस्कुरा जाओ। 🌻
#Heysunflower #alonetogether #careshare #Dostpyarhumsafar #CityEvening
riyamathur7865

Riya Mathur

Bronze Star
Growing Creator