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३५ आशा-निराशा के भँवर में फँसा उदयन, अन्य होंगी वो

३५
आशा-निराशा के भँवर में फँसा उदयन,
अन्य होंगी वो, धरोहर ब्रहमण की बहन।
एक हीं रूप के होते अनेक जन धरा पर,
सृजनकर्ता को भी भाते हैं स्वरूपा सुंदर। 
तत्पश्चात प्रतिहारी ने लाया यह संदेश,
द्वार आया एक आगंतुक ब्राह्मण भेष। 
कहे उज्जैनी, लेने आया अपनी थाती विशेष,
गृहोचित शिष्टाचार संग,करो शिघ्र उन्हें पेश।

©RAVINANDAN Tiwari #स्वप्नवासवदत्ता
#NojotoFilms 
#nojothindi 
#Nojoto 
#NojotoWriters
३५
आशा-निराशा के भँवर में फँसा उदयन,
अन्य होंगी वो, धरोहर ब्रहमण की बहन।
एक हीं रूप के होते अनेक जन धरा पर,
सृजनकर्ता को भी भाते हैं स्वरूपा सुंदर। 
तत्पश्चात प्रतिहारी ने लाया यह संदेश,
द्वार आया एक आगंतुक ब्राह्मण भेष। 
कहे उज्जैनी, लेने आया अपनी थाती विशेष,
गृहोचित शिष्टाचार संग,करो शिघ्र उन्हें पेश।

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