वैभव अपार उस द्वार जहाँ विराजे जगदम्बा संसार नेत्र विशाल मस्तक विराट देह कांति कोटि तारामंडल समान वरद हस्त भुजा चार जग पालन हेतु सिंह सवार दुःख-दारिद्रय से बचाव अम्बे भवानी जब कृपानिधान दुष्ट, वैरी जन का तुरंत संहार दुष्टनाशिनी समक्ष जब आए खल अवतार कंटक पथ पर एक पाथेय 'शक्ति-पूजा' विध्न-बाधा सब काटे रहे हमेशा वरद हस्त ऊपर दुर्गा जाप एक ही उपाय न दूजे माता महिमा रही अपरंपार पा न सके मानव मति जिसका पार नाम-जप,मन्त्र-जप,विग्रह-पूजा उचित जान करो त्रिशक्ति का आह्वान जन्म-जन्मांतर की पीड़ा-मुक्ति आदि शक्ति का अभय वरदान! #mनिर्झरा 23/10/2020 Copyright protected ©️®️ #yqnavratrispecial #yqthoughts #jaimatadi #yqdidi #yqhindi