जब हमर दोस्त न आएल त हम ओकरा घरे गेली आ पूछली, "अरे तू अएले न कल्ला?" त ऊ जवाब देलक, "मौसम मस्त था, माहौल जबरदस्त था। मैं अपनी वाली के साथ कम्बल में व्यस्त था।" - रत्नेश जब हमर दोस्त न आएल त हम ओकरा घरे गेली आ पूछली, "अरे तू अएले न कल्ला?" त ऊ जवाब देलक, "मौसम मस्त था, माहौल जबरदस्त था। मैं अपनी वाली के साथ कम्बल में व्यस्त था।"