मंज़िल खड़ी थी मेरी, राहों ने ऐसा छोड़ा कि गिर गई चलते-चलते। 75/365 एक क़दम की दूरी पर तुम्हारा साथ था, मगर ये ज़रा सा फ़ासला भी तय न हो सका। #एकक़दम #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi