वो नज़दीकियां बढ़ाए धीमे धीमे करके तेरा सुख साँसों में समाए वो बे ख़ौफ़ बड़ी खूबसूरती से हमे जुठ की गैहरी नींद सुलाए जब आंख खुली हमारी हम गुमनाम शहर की गलियों में पाए थोड़ा थोड़ा करके वो नज़दीकियां बढ़ाए धीमे धीमे करके तेरा सुख साँसों में समाए पे पर्दा बड़ी खूबसूरती से जुठ की गैहरी नींद में सुलाया है जब आंख खुली हम गुमनाम शहर की गलियों पाए