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"सौन्दर्यवती स्त्री नयनाभिराम होती है, बुद्धिमती स

"सौन्दर्यवती स्त्री नयनाभिराम होती है, बुद्धिमती स्त्री ह्दय को उल्लासित करती है. एक अनमोल रत्न है तो दूसरी रत्न राशि"
             "स्त्री यह संसार तारणि है,  जगत उद्धारनी है, जगदंबा का अवतार है. उस का आचार-विचार ब्रह्मांड का आधार है. उस की स्वतंत्रता से प्रलयकाल उत्पन होता है। "स्त्री और पुरुष का ध्ये परस्पर एक है, वे साथ ही साथ प्रगति करते हैं अथवा पतन की ओर जाते है, छोटे  अथवा देव तुल्य बनते है; पराधीन अथवा स्वतंत्र होते है। 
            "स्त्री कटीली झारिया को सुमन बनाती है. निर्धन से निर्धन मनुष्य के घर को भी सुशील और स्वर्ग बना देती है। 
महिला दिवस की हार्दिक शुभ कामनाये💐💐💐💐 #NojotoQuote
"सौन्दर्यवती स्त्री नयनाभिराम होती है, बुद्धिमती स्त्री ह्दय को उल्लासित करती है. एक अनमोल रत्न है तो दूसरी रत्न राशि"
             "स्त्री यह संसार तारणि है,  जगत उद्धारनी है, जगदंबा का अवतार है. उस का आचार-विचार ब्रह्मांड का आधार है. उस की स्वतंत्रता से प्रलयकाल उत्पन होता है। "स्त्री और पुरुष का ध्ये परस्पर एक है, वे साथ ही साथ प्रगति करते हैं अथवा पतन की ओर जाते है, छोटे  अथवा देव तुल्य बनते है; पराधीन अथवा स्वतंत्र होते है। 
            "स्त्री कटीली झारिया को सुमन बनाती है. निर्धन से निर्धन मनुष्य के घर को भी सुशील और स्वर्ग बना देती है। 
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princeraj2078

Prince Raज

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