मुझे याद नहीं आता तुम्हारा चेहरा।बस मुझे उस तालाब में खुद की परछाई नजर आती है हर वक्त,जहाँ पहले कभी इंतजार किया था तुम्हारा! तुम्हारा चेहरा याद नहीं आता मुझे। बस मुझे उस तालाब में तैरते हुए खत के टुकड़े नजर आती है,जिन्हें फाड़कर बहा दिया था तुम्हारा इंतजार करते करते करते! मुझे जरा भी याद नहीं आता तुम्हारा चेहरा। मुझे बस उन गुलाब की सुखी पंखुड़ियाँ नजर आती है,जो मुरझा गयी थी मेरे जैकेट में पड़े पड़े! मुझे कभी याद नहीं आता तुम्हारा चेहरा। मुझे बस उम्मीदों की वो दीपक नजर आती है,जो लगातार चार सालों से जलती आ रही है.............. #Notojo#yqd#pond#later#preeti#intjar