अनदेखी अनजनी सी ... फिर भी है पहचानी सी... बातों में गुलज़ार सी वो... जलती कोई चिराग सी वो... वो लड़की भोली भाली सी... जो मुझसे हँसकर मिलती है... खुद के दिल में प्यार शमा जलाये बैठी है... अपने camre में हर मंजर को कैद करती है। Dedicating a #testimonial to Neha Khan Ndl