कलियाँ ख़राब हो रही हैं तुम्हारे आंगन में, कभी बग़ीचों को बहुत सहेज के रखा करते थे, मायूस न होना ज़िन्दगी में कभी, पतझड़ के बाद ही तो बसंत आते है।।। #life #philosophical