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मेरी लबों की हर हँसी मुझपे अब किसी का क़र्ज़ लगती है

मेरी लबों की हर हँसी
मुझपे अब किसी का क़र्ज़ लगती है
मेरी हक़ फ़रामोशी की सज़ा 
लगता है किसी ग़रीब को मिली है # the migrants
मेरी लबों की हर हँसी
मुझपे अब किसी का क़र्ज़ लगती है
मेरी हक़ फ़रामोशी की सज़ा 
लगता है किसी ग़रीब को मिली है # the migrants