अब कहाँ ज़िंदा हैं सबके सब मर गए, लोग जो कहते थे ज़मीर तेरी दौलत है। Conservative,Narrow minded कितने आम हो गए हैं ना ये अल्फ़ाज़ और इन्हें कहने वाले लोग.... हये.... मुझे बड़े पसंद हैं। सुनकर मुझे अच्छा लगता है कि मैं दुनियां के साथ चल रहा हूँ शायद उनके साथ जिनका सच से कभी तार्रुफ़ ही नहीं हुआ और उन्होंने इसका मुताअला करना मुनासिब ही नहीं समझा शायद ऐसा जैसा किसी को बंद अंधेरे कमरे में 1 दिन के लिए छोड़ दिया हो और साथ ही उस कमरे में अच्छी और बुरी चीज़ें करने को रखी हों तो ये इंसान सब कुछ कर गुज़रता है ये भूलकर की उसे इस बंद कमरे में क्यों फेंका गया है, अच्छी और बुरी चीज़ों के लुत्फ़ से कभी बाहर ही नहीं निकलता और उसमें ऐसा गुम हो जाता है अगर कोई याद भी दिला दे तो... कितना बुरा लगता है ना वह इंसान... और उसी को हम Narrow Minded और Conservative कहते हैं।