तुम मात्र कर्तव्य का पालन करो, जीवन मरण कि ना तुम चिंता करो, कर्म पथ पर धर्म निष्ठा से चलना चाहिए, आंकलन करो खुद का धर्म पथ पर चलो। जो पाप करेगा वो अवश्य ही सज़ा का हकदार है, यही समयचक्र आदेश है यही विधी का विधान , जो कार्य तुम्हारे नियमित है करना चाहिए, हम सब तो मात्र ज़रिया है कार्य संपन्न का, हम सब आदेश मानते है उसका जो निराकार है। अब आप सब को इसका जवाब अपने collab में देना है। आप सबके जवाब की प्रतीक्षा में। Font: Sharad 76 Regular Lines: Max 6 lines